जाने एम्स में क्यों नर्स के नाम पर रखा गया लैब का नाम
सेहतराग टीम
आपने बड़े डॉक्टरों के नाम पर, नेताओं के नाम पर या फिर समाज की किसी प्रसिद्ध हस्ती के नाम पर जगहों, भवनों, पुलों के नाम रखने के सैकड़ों उदाहरण देखे होंगे मगर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने इस दिशा में एक नया उदाहरण पेश किया है। एम्स ने पहली बार एक नर्स के नाम पर एक प्रयोगशाला (लैब) का नाम रखा है। इस नर्स का कथित तौर पर चिकित्सकीय लापरवाही के कारण एम्स परिसर में निधन हो गया था।
नर्सिंग एसोसिएशन की मांग
एम्स के एक अधिकारी ने बताया कि नर्स राजबीर कौर के नाम पर ब्रोंकोस्कोपी लैब का नामकरण किया गया है। ये लैब पिछले महीने यानी फरवरी में ही शुरू किया गया है। एम्स के नर्सिंग संघ ने प्रशासन को पत्र लिख कर लैबोरेट्री का नाम ब्रोंकोस्कोपी विभाग में काम करने वाली राजबीर कौर के नाम पर रखने का अनुरोध किया था।
क्या था मामला
राजबीर गर्भवती थी और 16 जनवरी को सामान्य प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। उसे वहां कुछ समस्याएं हुईं जिसके बाद डॉक्टरों ने राजबीर का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। उसके बच्चे को नहीं बचाया जा सका और बाद में राजबीर कौर की भी मौत हो गई।
जूनियर रेजिडेंट ने किया ऑपरेशन
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद एम्स ने मामले की जांच का आदेश दिया जिसमें पता चला कि ऑपरेशन प्रकोष्ठ में सीजेरियन ऑपरेशन के दौरान एक भी एनेस्थिसियोलॉजिस्ट यानी बेहोश करने की दवा देने वाला डॉक्टर मौजूद नहीं था और एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने ये ऑपरेशन किया जिसके पास ऐसे मामलों से निपटने का अधिक प्रशिक्षण नहीं था।
डॉक्टरों को हटाया
एम्स प्रशासन ने इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए कुछ डॉक्टरों को संस्थान से हटा दिया है। मामले में एम्स की नर्सिंग यूनियन ने प्रदर्शन किया था। एम्स की नर्सिंग यूनियन बेहद प्रभावशाली मानी जाती है और इस मामले में उसके दबाव से पार पाना संस्थान के बस में नहीं था।
एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया राजबीर कौर सहकर्मियों और डॉक्टरों के बीच काफी लोकप्रिय थी और इसी को देखते हुए संस्थान प्रशासन ने लैबोरेट्री का नाम राजबीर के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया।
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